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पुस्तक समीक्षा : वैशालीनामा
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तुमड़ी के शब्द : बद्री नारायण
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कविता
कविता
औरत
चंद्रकांत देवताले
वह औरतआकाश और पृथ्वी के बीचकब से कपड़े पछीट रही है, पछीट रही है शताब्दियों सेधूप के तार पर सुखा रही हैवह औरत आकाश और...
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कविता
औरतें
रमाशंकर यादव विद्रोही
कुछ औरतों ने अपनी इच्छा से कूदकर जान दी थीऐसा पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज हैऔर कुछ औरतें अपनी इच्छा से चिता में जलकर...
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कविता
अनुष्का ढौंडियाल की कवितायें
अनुष्का ढौंडियाल
मेरी ज़िंदगी में प्रेम आता है,किसी आठ साल के शरारती बच्चे की तरहदरवाज़े की घन्टी बजा कर झट से भाग जाता हैप्रेम मेरी हथेलियों...
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कविता
दीपाली अग्रवाल की कवितायें
दीपाली अग्रवाल
बालों में लगे तेल की गंध है उनमेंदाग़ हैं जो पूरियाँ छोड़ते पड़े होंगेखुश्क हो गयी त्वचा उनकीसब्ज़ी काटते उंगली भी कट गई थीसो...
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कविता
अर्जी
उदय प्रकाश
शक की कोई वजह नहीं हैमैं तो यों ही आपके शहर से गुजरताउन्नीसवीं सदी के उपन्यास का कोई पात्र हूँमेरी आँखें देखती हैं जिस...
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कविता
विरासत
अंकुश कुमार
प्रेम मुझे विरासत मे मिला, मेरे पिता कराते थे माँ से बहुत प्रेम, मेरे बच्चे देखते हैं मुझे प्रेम में डूबे हुए उनकी माँ के...
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प्रचलित
अमावस की काली रातों में
कुमार विश्वास
ऊँचाई
अटल बिहारी वाजपेयी
जो मेरे घर कभी नहीं आएँगे
विनोद कुमार शुक्ल
प्रेम
अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’