राजेन्द्र बाला घोष बंग महिला

2 लेख

रचनाएँ

चन्द्रदेव से मेरी बातें: राजेंद्र बाला घोष

भगवान चन्द्रदेव! आपके कमलवत् कोमल चरणों में इस दासी का अनेक बार प्रणाम। आज मैं आपसे दो चार बातें करने की इच्छा रखती हूँ।...

दुलाईवाली

(एक) काशी जी के दशाश्वमेध घाट पर स्नान करके एक मनुष्य बड़ी व्यग्रता के साथ गोदौलिया की तरफ़ आ रहा था। एक हाथ में मैली-सी...

प्रचलित लेखक

आपकी रचना