उज्ज्वल शुक्ला

7 लेख

रचनाएँ

आत्महत्या के विरुद्ध : रघुवीर सहाय

रघुवीर सहाय का काव्य संग्रह ‘आत्महत्या के विरुद्ध’ 1967 में प्रकाशित हुआ। भारतभूषण अग्रवाल रघुवीर सहाय के विषय में लिखते हैं, “भीड़ से घिरा...

तुमड़ी के शब्द : बद्री नारायण

तुमड़ी के शब्द : बद्री नारायण बद्री नारायण वर्तमान समय के महत्वपूर्ण कवियों में से एक हैं। 2019 में राजकमल प्रकाशन से उनकी एक कविता...

आधा गाँव : राही मासूम रज़ा

हिन्दी साहित्य में विभाजन की त्रासदी को दिखाते हुए अनेक उपन्यास लिखे गए हैं। इसी कड़ी में राही मासूम रज़ा का उपन्यास ‘आधा गाँव’...

कितने पाकिस्तान : कमलेश्वर

विभाजन और हिंसा के बीच पिस रहा मनुष्य सबकी नज़रों में होता है पर उसपर किसी का ध्यान नहीं जाता है या ऐसा कहें...

जनता स्टोर : नवीन चौधरी

छात्र राजनीति तथा उसमें व्याप्त चालबाज़ियाँ, शतरंज के खेल से भी कठिन चालें और राहों में बिछे मोहरे। राजनीति में कौन हमारा है कौन...

भली लड़कियाँ बुरी लड़कियाँ : समीक्षा

“आजादी सबसे बड़ा दिलफरेब भ्रम है। और उसे भी बड़ा फरेब है प्रेम।” अनु सिंह चौधरी का उपन्यास ‘भली लड़कियाँ बुरी लड़कियाँ’ 2019 में प्रकाशित...

एक बटा दो : आर्थिक स्वतंत्रता से आगे की बात

सुजाता जी का उपन्यास ‘एक बटा दो’ समाज के किसी मध्यमवर्गीय परिवार में दो स्त्रियों की कहानी है। ‘निवेदिता’ और ‘मीना’ दोनों परिवार के...

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