Facebook
Instagram
Linkedin
Twitter
Youtube
मुख्य पृष्ठ
तरंग
कहानी
पंचतंत्र
श्रेणियाँ
पुस्तक समीक्षा
आपकी रचना
Search
हिन्दीनामा
साहित्य को समर्पित एक प्रयास
हिन्दीनामा
साहित्य को समर्पित एक प्रयास
मुख्य पृष्ठ
तरंग
कहानी
All
पंचतंत्र
दो बाँके
प्रायश्चित
चन्द्रदेव से मेरी बातें: राजेंद्र बाला घोष
राजा निरबंसिया- कमलेश्वर
पिता-ज्ञानरंजन
श्रेणियाँ
पुस्तक समीक्षा
पुस्तक समीक्षा : वैशालीनामा
आत्महत्या के विरुद्ध : रघुवीर सहाय
तुमड़ी के शब्द : बद्री नारायण
आधा गाँव : राही मासूम रज़ा
कितने पाकिस्तान : कमलेश्वर
आपकी रचना
बुरी आदतों के चक्रव्यूह से बाहर निकलने का सफर
सब्सक्राइब
आपकी रचना
उपन्यास
कविता
कहानी
ग़ज़ल
तरंग कहानी
Search
उपन्यास
उपन्यास
गोदान
प्रेमचंद
भाग 1 होरीराम ने दोनों बैलों को सानी-पानी दे कर अपनी स्त्री धनिया से कहा - गोबर को ऊख गोड़ने भेज देना। मैं न जाने...
और पढ़ें
उपन्यास
निर्मला
प्रेमचंद
अध्याय 1 यों तो बाबू उदयभानुलाल के परिवार में बीसों ही प्राणी थे, कोई ममेरा भाई था, कोई फुफेरा, कोई भांजा था, कोई भतीजा,...
और पढ़ें
प्रचलित
गोदान
प्रेमचंद
निर्मला
प्रेमचंद