जालौर राजस्थान राज्य का एक खूबसूरत व ऐतिहासिक शहर है। इस शहर को 8वीं शताब्दी में में स्थापित माना जाता है। इसे संत महर्षि जाबालि के सम्मान में जाबालिपुर भी कहा जाता था। आज इसे ही जालौर के नाम से जाना जाता है। भीनमाल महाकवि माघ और खगोलशास्त्री ब्रह्मगुप्त की भूमि है।
स्वर्णगिरी पर्वत पर स्थित जालोर दुर्ग जालोर की शान है।
यह शहर अपने कई ग्रेनाइट खदानों के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर पर्यटक कई आकर्षक मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं और इसके अलावा कई प्राकृतिक पर्यटन स्थलों की सैर भी कर सकते हैं।
यहाँ भीनमाल की जूतियाँ और लेटा के खेसले भी बहुत प्रसिद्ध हैं।
जालौर में घूमने की जगह:-
- जालौर का किला
- तोपखाना
- सुन्धामाता मंदिर और रोप-वे
- क्षेमंकरी माता मंदिर
- बहत्तर जिनालय, भीनमाल
- जहाज मंदिर, मांडवला
- रणखार आरक्षित वन क्षेत्र
जालोर मेरा ज़िला है। स्वर्णगिरी की तलहटी में बसा यह शहर वाकई बेहद सुंदर है। यहाँ आसपास के अन्य क्षेत्रों की तुलना में साक्षरता दर अधिक है, इस कारण यह एक शान्त शहर भी माना जाता है। पश्चिमी राजस्थान की यह बड़ी ख़ूबी है कि यह क्षेत्र अपनेपन से भरपूर है। जालोर तथा दुर्ग को यहाँ देखकर अच्छा लगा। साधुवाद।