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कहानी
पंचतंत्र की कहानियां: मेंढकराज और नाग
एक कुएं में बहुत से मेंढक रहते थे। उनके राजा का नाम था गंगदत्त। गंगदत्त बहुत झगड़ालू स्वभाव का था। आसपास दो-तीन और भी...
विष्णु शर्मा
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कहानी
कानों में कँगना
1 किरन! तुम्हारे कानों में क्या है?उसके कानों से चंचल लट को हटाकर कहा—कँगना।अरे! कानों में कँगना? सचमुच दो कंगन कानों को घेरकर बैठे थे।हाँ,...
राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह
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कहानी
पंचतंत्र की कहानियां: मुर्ख मित्र
किसी राजा के राजमहल में एक बन्दर सेवक के रुप में रहता था । वह राजा का बहुत विश्वास-पात्र और भक्त था । अन्तःपुर...
विष्णु शर्मा
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पंचतंत्र
पंचतंत्र की कहानियां: ब्राह्मणी और नेवला
एक बार देवशर्मा नाम के ब्राह्मण के घर जिस दिन पुत्र का जन्म हुआ उसी दिन उसके घर में रहने वाली नकुली ने भी...
विष्णु शर्मा
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कहानी
चन्द्रदेव से मेरी बातें: राजेंद्र बाला घोष
भगवान चन्द्रदेव! आपके कमलवत् कोमल चरणों में इस दासी का अनेक बार प्रणाम। आज मैं आपसे दो चार बातें करने की इच्छा रखती हूँ।...
राजेन्द्र बाला घोष बंग महिला
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कहानी
पंचतंत्र की कहानी : बन्दर और लकड़ी का खूंटा
एक समय शहर से कुछ ही दूरी पर एक मंदिर का निर्माण किया जा रहा था। मंदिर में लकड़ी का काम बहुत था इसलिए...
विष्णु शर्मा
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कहानी
पंचतंत्र की कहानियां: ब्राह्मण और सर्प
किसी नगर में हरिदत्त नाम का एक ब्राह्मण निवास करता था। उसकी खेती साधारण ही थी, अतः अधिकांश समय वह खाली ही रहता था।...
विष्णु शर्मा
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पंचतंत्र
पंचतंत्र की कहानियां: दो सिर वाला पक्षी
एक तालाब में भारण्ड नाम का एक विचित्र पक्षी रहता था । इसके मुख दो थे, किन्तु पेट एक ही था । एक दिन...
विष्णु शर्मा
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कहानी
पंचतंत्र की कहानियां : टिटिहरी का जोड़ा और समुद्र का अभिमान
समुद्रतट के एक भाग में एक टिटिहरी का जोडा़ रहता था । अंडे देने से पहले टिटिहरी ने अपने पति को किसी सुरक्षित प्रदेश...
विष्णु शर्मा
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कहानी
पंचतंत्र की कहानियां: शेर, गीदड़ और मूर्ख गधा
एक घने जङगल में करालकेसर नाम का शेर रहता था । उसके साथ धूसरक नाम का गीदड़ भी सदा सेवाकार्य के लिए रहा करता...
विष्णु शर्मा
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