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दो बाँके

शायद ही कोई ऐसा अभागा हो, जिसने लखनऊ का नाम न सुना हो, और युक्त प्रांत में ही नहीं, बल्कि सारे हिंदुस्तान न में,...

प्रायश्चित

अगर कबरी बिल्ली घर-भर में किसी से प्रेम करती थी तो रामू की बहू से, और अगर रामू की बहू घर-भर में किसी से...

हिन्दीनामा तरंग

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हिन्दीनामा तरंग

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आपके प्रिय लेखकों द्वारा

खोई हुई दिशाएं

सड़क के मोड़ पर लगी रेलिंग के सहारे चंदर खड़ा था। सामने, दाएँ-बाएँ आदमियों का सैलाब था। शाम हो रही थी और कनॉट प्लेस...

डिप्टी कलक्टरी

शकलदीप बाबू कहीं एक घंटे बाद वापस लौटे। घर में प्रवेश करने के पूर्व उन्होंने ओसारे के कमरे में झाँका, कोई भी मुवक्किल नहीं...

अमृतसर आ गया है

गाड़ी के डिब्बे में बहुत मुसाफिर नहीं थे। मेरे सामनेवाली सीट पर बैठे सरदार जी देर से मुझे लाम के किस्से सुनाते रहे थे।...

भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है

आज बड़े आनंद का दिन है कि छोटे से नगर बलिया में हम इतने मनुष्यों को एक बड़े उत्साह से एक स्थान पर देखते...

आधा गाँव : राही मासूम रज़ा

हिन्दी साहित्य में विभाजन की त्रासदी को दिखाते हुए अनेक उपन्यास लिखे गए हैं। इसी कड़ी में राही मासूम रज़ा का उपन्यास ‘आधा गाँव’...

कोसी का घटवार

अभी खप्पर में एक-चौथाई से भी अधिक गेहूं शेष था। खप्पर में हाथ डालकर उसने व्यर्थ ही उलटा-पलटा और चक्की के पार्टी के वृत्त...

आत्महत्या के विरुद्ध : रघुवीर सहाय

रघुवीर सहाय का काव्य संग्रह ‘आत्महत्या के विरुद्ध’ 1967 में प्रकाशित हुआ। भारतभूषण अग्रवाल रघुवीर सहाय के विषय में लिखते हैं, “भीड़ से घिरा...

जहाँ लक्ष्मी कैद है

ज़रा ठहरिए, यह कहानी विष्णु की पत्नी लक्ष्मी के बारे में नहीं, लक्ष्मी नाम की एक ऐसी लड़की के बारे में है जो अपनी...

भोलाराम का जीव

ऐसा कभी नहीं हुआ था…। धर्मराज लाखों वर्षों से असंख्य आदमियों को कर्म और सिफारिश  के आधार पर स्वर्ग या नर्क में निवास-स्थान ‘अलाट’...

अंधेर नगरी चौपट्ट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा

ग्रन्थ बनने का कारण। बनारस में बंगालियों और हिन्दुस्तानियों ने मिलकर एक छोटा सा नाटक समाज दशाश्वमेध घाट पर नियत किया है, जिसका नाम हिंदू...